प्राचीन भारत

भारत में मौर्योत्तर इंडो-ग्रीक(हिन्द-यवन) शासकों का इतिहास

पार्थिया तथा बैक्ट्रिया सेल्युकस के साम्राज्य के दो प्रांत थे। सेल्युकस के उत्तराधिकारी अंतियोकस प्रथम (281-261 ईसा.पूर्व) के काल तक ये दोनों प्रदेश सेल्युकसी साम्राज्य के अंग बने रहे। परंतु अंतियोकस द्वितीय (261-246ईसा पूर्व) के शासन काल में 250 ईसा पूर्व के लगभग पार्थिया तथा बैक्ट्रिया के प्रदेश स्वतंत्र हो गये।

पार्थिया के विद्रोह का नेता अर्सेक्स तथा बैक्ट्रिया के विद्रोह का नेता डायोडोटस था। न तो अंतियोकस द्वितीय और न ही उसके उत्तराधिकारियों – सेल्युकस द्वितीय तथा सेल्युकस तृतीय में से कोई इतना अधिक शक्तिशाली था, कि वह इन विद्रोही प्रदेशों को अपने अधिकार में कर सके।

अन्ततः अंतियोकस तृतीय (223-187 ईसा पूर्व) ने इन प्रदेशों को विद्रोही अधीन करने का प्रयास किया, परंतु अपने को असमर्थ पाकर उसने इन दोनों प्रांतों की स्वाधीनता स्वीकार कर ली।

बैक्ट्रिया के स्वतंत्र यूनानी साम्राज्य का संस्थापक डायोडोटस था। वह एक शक्तिशाली शासक था,जिसने सोग्डिया से मार्जियाना तक के प्रदेश पर चिरकाल तक शासन किया। डायोडोटस की मृत्यु के बाद उसके अवयस्क पुत्र की हत्या कर यूथीडेमस नामक एक महत्वाकांक्षी व्यक्ति ने सत्ता हथिया ली।

यूथीडेमस

डेमेट्रियस

यूक्रेटाइडीज

मिनांडर

Reference : https://www.indiaolddays.com/

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