प्राचीन भारत
- फरवरी- 2018 -22 फ़रवरी
बौद्ध धर्म का अष्टांगिक मार्ग – जीवन के सभी दुःख दूर करे
महात्मा बुद्ध की प्रमुख शिक्षाओं में से एक शिक्षा अष्टांगिक मार्ग भी है। जो दुःखों से मुक्ति पाने एवं आत्म…
Read More » - 22 फ़रवरी
बौद्ध धर्म के चार आर्य सत्य एवं अष्टांगिक मार्ग
चार आर्य सत्य- दुः ख – संसार में दुः ख है।समुदाय – दुः ख का कारण है। निरोध – दुः ख…
Read More » - 21 फ़रवरी
बौद्ध धर्म के त्रिरत्न
त्रिरत्न (तीन रत्न) बौद्ध धर्म के सबसे महत्त्वपूर्ण अंग हैं। इन त्रिरत्नों पर ही बौद्ध धर्म आधारित हैं। त्रिरत्न बुद्धधम्मसंघ बुद्ध– बुद्ध का मतलब…
Read More » - 21 फ़रवरी
बौद्ध संगीतियांः स्थान, अध्यक्ष, शासनकाल
महात्मा बुद्ध के परिनिर्वाण के कुछ समय बाद से ही उनके उपदेशों को संगृहीत करने, उनका पाठ (वाचन) करने आदि के…
Read More » - 20 फ़रवरी
बौद्ध धर्म से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य
बौद्ध धर्म के उदय के महत्वपूर्ण कारण- वैदिक कालीन सामाजिक व धार्मिक व्यवस्था में कठोरता, भेदभाव तथा यज्ञ व कर्मकांड…
Read More » - 20 फ़रवरी
गौतम बुद्ध का जीवन परिचय एवं उपदेश
गौतम बुद्ध का परिचय- बौद्ध धर्म के प्रवर्तक महात्मा बुद्ध थे। इनका जन्म नेपाल की तराई में स्थित कपिलवस्तु के…
Read More » - 16 फ़रवरी
6 वेदांग और उनका संक्षिप्त परिचय
वेदांग का शाब्दिक अर्थ है वेदों के अंग। वेदांग हिन्दू धर्म ग्रंथ हैं, इनकी संख्या 6 है। शिक्षाव्याकरणज्योतिषनिरुक्तछंदकल्पशिक्षा- YouTube Video…
Read More » - 14 फ़रवरी
मगध महाजनपद के उदय के कारण
मगध महाजनपद 16 महाजनपदों में सर्वाधिक शक्तिशाली महाजनपद था। मगध का सर्वप्रथम उल्लेख अथर्ववेद में मिलता है। इसके शक्तिशाली होने…
Read More » - 14 फ़रवरी
मगध महाजनपद एवंं मगध साम्राज्य का उत्कर्ष
16 महाजनपदों में मगध सर्वाधिक शक्तिशाली महाजनपद था। मगध का सर्वप्रथम उल्लेख अथर्ववेद में मिलता है। मगध की राजधानी गिरिव्रज/राजगृह…
Read More » - 14 फ़रवरी
आहत सिक्के (पंचमार्क सिक्के)
आहत सिक्के धातु के टुकङे पर चिन्ह विशेष ठप्पा मारकर (पीटकर) बनाए जाते थे। आहत सिक्कों पर चिन्हों के अवशेष…
Read More »