प्राचीन इतिहास तथा संस्कृति के प्रमुख स्थल पुष्कलावती
इस स्थान की पहचान पेशावर(पाकिस्तान) से 17 मील उत्तर-पूर्व में स्थित ‘चारसड्डा’ नामक स्थान से की जाती है। यह गन्धार राज्य के पश्चिमी भाग की राजधानी थी। रामायण के अनुसार यह नगर भरत के पुत्र पुष्कल के नाम पर बसाया गया था।
सिकन्दर के आक्रमण के समय यह स्वतंत्र राज्य था जहाँ का राजा अस्टक(हस्ति) था। उसने यूनानी सेना का प्रबल प्रतिरोध किया और अपनी स्वाधीनता की रक्षा के लिए लड़ता हुआ वीरगति को प्राप्त हुआ।
पुष्कलावती धर्म और कला का प्रमुख केन्द्र था। अशोक ने यहाँ एक स्तूप बनवाया था। कुषाण काल में गन्धार कला के अन्तर्गत यहाँ कई सुन्दर मूर्तियों का निर्माण हुआ। नगर के पश्चिमी द्वार पर शिव का विशाल मन्दिर था।
हुएनसांग ने पुष्कलावती को बौद्ध धर्म का प्रमुख केन्द्र बताया था। यहाँ अनेक विहार थे तथा भिक्षु निवास करते थे। यहाँ के खण्डहरों में आज भी नगर के प्राचीन गौरव की स्मृति सुरक्षित है।
References : 1. पुस्तक- प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति, लेखक- के.सी.श्रीवास्तव
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