प्राचीन भारतइतिहासपुष्यमित्र शुंगशुंग वंश

पुष्यमित्र शुंग कौन था

पुष्यमित्र शुंग (184 – 14 8 B.C.) ने शुंग वंश की स्थापना की। पुष्यमित्र शुंग मौर्य साम्राज्य का सेनापति था।इसने अंतिम मौर्य शासक बृहद्रथ की 184 ई॰पूर्व में हत्या करके उत्तर भारत में शुंग वंश की स्थापना की।पुष्यमित्र शुंग एक ब्राह्मण था।

परवर्ती मौर्य शासकों का इतिहास।

उसके बाद पुष्यमित्र शुंग ने अश्वमेध यज्ञ किया और उत्तर भारत का अधिकतर हिस्सा अपने अधिकार क्षेत्र में ले लिया।

विविध प्रकार के यज्ञ ।

पुराणों के अनुसार पुष्यमित्र शुंग ने 36 वर्षों तक शासन किया था। पुष्यमित्र ने सेनानी की उपाधि धारण की थी।

पुष्यमित्र की उत्पत्ति से संबंधित महत्त्वपूर्ण सिद्धांत-

दिव्यावदान नामक बौद्ध ग्रंथ के अनुसार- पुष्यमित्र मौर्य वंश से संबंधित था। (मान्यता प्राप्त मत नहीं है।)

मालविकाग्निमित्रम् (कालिदास) के अनुसार – में पुष्यमित्र को बैम्बिक कुल का ब्राह्मण माना है। तथा पुराण भी यही बात कहते हैं।

बोधायन श्रौतसूत्र के अनुसार- पुष्यमित्र शुंग काश्यप गोत्रीय ब्राह्मण था।

आश्वालयन श्रौतसूत्र – शुंग “पुरोहित या आचार्य ।” ब्राह्मण थे। (सर्वमान्य मत)

हर्षचरित (बाणभट्ट) – पुष्यमित्र शुंग को अनार्य कहा गया है। (अपने कर्मों से बृहद्रथ की हत्या करने के कारण )

हरिवंश के अनुसार पुष्यमित्र को औद्भिज (अचनक उत्पन्न होने वाला) कहा गया है।

हरप्रसाद शास्री के अनुसार- पुष्यमित्र पारसीक समुदाय से था। (मान्य मत नहीं)

पुष्यमित्र ने पाटलिपुत्र को राजधानी बनाये रखा तथा मौर्यों की प्रशासनिक प्रणाली को ही अपनाया।

पुष्यमित्र शुंग के समय में भारत पर यवन (यूनानी) आक्रमण हुआ। इसका पता निम्नलिखित तीन ग्रंथों से चलता है-

  1. गार्गी संहिता (मौर्योत्तर काल),
  2. महाभाष्य (मौर्योत्तर काल),
  3. मालविकाग्निमित्रम् (गुप्त काल)।

पुराणों के अनुसार पुष्यमित्र ने दो अश्वमेघ यज्ञ किये थे, पुष्यमित्र के समय हुए यवन आक्रमणों में से एक यवन आक्रमण को उसके पौत्र वसुमित्र ने सिंधु नदी के तट पर असफल किया था।

पुष्यमित्र शुंग का साम्राज्य विस्तार-

पुष्यमित्र के काल मेैं पुष्यमित्र के पुत्र अग्निमित्र ने विदर्भ (महाराष्ट्र)के शासक यज्ञसेन (मौर्य शासक बृहद्रथ का संबंधी) को पराजित कर विदर्भ के बङे भू-भाग पर अधिकार किया।पुष्यमित्र शुंग की राजधानी पाटलिपुत्र थी।

पुष्यमित्र का साम्राज्य उत्तर में हिमालय से लेकर दक्षिण में बरार तक तथा पश्‍चिम में पंजाब से लेकर पूर्व में मगध तक फैला हुआ था।

बौद्ध ग्रंथों तथा चीनी यात्री ह्वेनसांग के विवरण के अनुसार पुष्यमित्र बौद्धों का विरोधी था। उसने अशोक के द्वारा बनाये गये 84,000 स्तूपों को नष्ट करवाया।

मौर्य शासक अशोक और बौद्ध धर्म।

इन बौद्ध ग्रंथों के अनुसार पुष्यमित्र ने एक बौद्ध भिक्षु के सिर के बदले 100 स्वर्ण मुद्रायें देने का आदेश दिया।

बौद्ध ग्रंथों का यह वर्णन अतिश्योक्तिपूर्ण है। क्योंकि सांची व भरहुत स्तूप (मध्यप्रदेश) के एक बङे स्तूप का निर्माण पुष्यमित्र के काल में हुआ तथा पुष्यमित्र के प्रशासन में अनेक बुद्ध शामिल थे, अतः नहीं कहा जा सकता कि यह ज्यादा कट्टर था।

Note:

  • मौर्य, शुंग तथा कण्व वंश की राजधानी पाटलीपुत्र थी।
  • पुष्यमित्र शुंग के बाद उसका पुत्र अग्निमित्र शासक बना, जिसने राजा की उपाधि धारण की।

Reference : https://www.indiaolddays.com/

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