इतिहासदक्षिण भारतप्राचीन भारतवेंगी के चालुक्य

वेंगी के चालुक्य शासक राजराज नरेन्द्र का इतिहास

1018 ई.में विमलादित्य की मृत्यु के बाद उसका ज्येष्ठ पुत्र राजराज नरेन्द्र वेंगी का राजा बना। उसे अपने अनुज विजयादित्य के विरोध का सामाना करना पङा। लेकिन चोल शासक राजेन्द्र की सहायता से उसने वेंगी की गद्दी पर अधिकार कर लिया। दोनों भाईयों का संघर्ष जारी रहा। विजयादित्य का समर्थन कल्याणी के चालुक्य कर रहे थे।उनकी सहायता पाकर विजयादित्य ने 1030 ई. में वेंगी की गद्दी भी प्राप्त कर ली। किन्तु 1035 ई. में राजराज ने पुनः गद्दी प्राप्त कर ली। उसके समय में कल्याणी के चालुक्य शासक सोमेश्वर ने वेंगी पर आक्रमण किया। राजराज के समर्थन में राजेन्द्र चोल ने अपनी सेना भेजी। चोल-चालुक्य सेनाओं में युद्ध हुआ, जिसका कोई परिणाम नहीं निकला। कुछ समय बाद सोमेश्वर ने वेंगी पर पुनः आक्रमण किया तथा उसे जीत लिया।राजराज ने चोलों के स्थान पर पश्चिमी चालुक्यों को अपना सम्राट स्वीकार किया।

References :
1. पुस्तक- प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति, लेखक- के.सी.श्रीवास्तव 

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