महाराजाधिराज
- मई- 2021 -2 मईइतिहास
कुम्भा के नेतृत्व में मेवाङ की सत्ता का उदय
कुम्भा के नेतृत्व में मेवाङ - अलाउद्दीन खिलजी ने चित्तौङ पर अधिकार कर अपने पुत्र खिज्रखाँ को वहाँ का शासनाधिकारी…
Read More » - अप्रैल- 2021 -17 अप्रैलइतिहास
वर्धन वंश का राजनीतिक इतिहास की स्लाइड
गुप्त साम्राज्य के पतन के बाद उत्तर भारत के राजवंशों में थानेश्वर का पुष्यभूति राजवंश सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण एवं शक्तिशाली था।…
Read More » - 9 अप्रैलइतिहास
बलभी का मैत्रक वंश की स्लाइड
550 ईस्वी अर्थात् ईसा की 6वीं शता. के मध्य शक्तिशाली गुप्त साम्राज्य पूरी तरह से छिन्न-भिन्न हो गया। गुप्त साम्राज्य…
Read More » - 4 अप्रैलइतिहास
रामगुप्त कौन था की स्लाइड
समुद्रगुप्त के दो पुत्र थे - रामगुप्त तथा चंद्रगुप्त। रामगुप्त बङा था, अतः पिता की मृत्यु के बाद वही गद्दी…
Read More » - मार्च- 2021 -28 मार्चइतिहास
भानुगुप्त, वैन्यगुप्त एवं कुमारगुप्त तृतीय का इतिहास की स्लाइड
भानुगुप्त भारत पर राज्य करने वाले प्रसिद्ध गुप्त राजवंश के गुप्त सम्राटों में से एक था। इसका उल्लेख एरण शिलालेख…
Read More » - 20 मार्चइतिहास
घटोत्कच एवं चंद्रगुप्त प्रथम का इतिहास की स्लाइड
महाराज घटोत्कच का पुत्र और उत्तराधिकारी चंद्रगुप्त प्रारंभिक गुप्त शासकों में सर्वाधिक शक्तिशाली था। राज्यारोहण के बाद उसने अपनी महत्ता…
Read More » - 13 मार्चइतिहास
गुप्त काल की शासन व्यवस्था की स्लाइड
गुप्त साम्राज्य की शासन-व्यवस्था राजतंत्रात्मक थी। मौर्य शासकों के विपरीत गुप्तवंशी शासक अपनी दैवी उत्पत्ति में विश्वास करते थे तथा…
Read More » - 8 मार्चइतिहास
गुप्त राजवंश का परिचय की स्लाइड
गुप्त राजवंश की स्थापना 275 ईस्वी में महाराज गुप्त द्वारा की गयी थी।महाराज गुप्त का नाम श्रीगुप्त था। श्रीगुप्त का…
Read More » - फरवरी- 2020 -9 फ़रवरीइतिहास
राजपूतकालीन संस्कृति का इतिहास
राजपूतकालीन( raajapootakaaleen ) भारत में राजनैतिक तथा सांस्कृतिक दृष्टि से अनेक परिवर्तन दिखाई देते हैं। शासन के क्षेत्र में सामंतवाद(…
Read More » - जनवरी- 2020 -12 जनवरीइतिहास
प्राचीन इतिहास तथा संस्कृति के प्रमुख स्थल : असीरगढ़
महाराष्ट्र प्रान्त के बरहानपुर के समीप यह स्थान स्थित है। यहाँ से मौखरिवंश के पाँचवें शासक सर्ववर्मा का एक मुद्रालेख…
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