महाराजाधिराज
- जनवरी- 2020 -8 जनवरीइतिहास
राजपूतों की शासन-व्यवस्था कैसी थी
राजपूतकालीन भारत में राजनैतिक तथा सांस्कृतिक दृष्टि से अनेक परिवर्तन दिखाई देते हैं। शासन के क्षेत्र में सामंतवाद का पूर्ण…
Read More » - दिसम्बर- 2019 -30 दिसम्बरइतिहास
सोलंकी वंश के शासक मूलराज का इतिहास
मूलराज एक शक्तिशाली शासक था। गद्दी पर बैठने के बाद वह साम्राज्य विस्तार के कार्य में जुट गया। कादि लेख…
Read More » - 27 दिसम्बरइतिहास
कलचुरि सत्ता का उत्कर्ष – गांगेयदेव विक्रमादित्य (1019-1041 ईस्वी)
कोक्कल द्वितीय के बाद उसका पुत्र गांगेयदेव विक्रमादित्य कलचुरिवंश का एक प्रतापी राजा हुआ। उसके राज्यारोहण के समय कलचुरि राज्य…
Read More » - 19 दिसम्बरइतिहास
चंदेल शासक धंग का इतिहास
धंग ने कालंजर को पूरी तरह से जीत लिया तथा कालंजर को अपने राज्य की राजधानी बनाया। उसके बाद धंग…
Read More » - 5 दिसम्बरइतिहास
चौहान सत्ता का चर्मोत्कर्ष – विग्रहराज चतुर्थ बीसलदेव
परमार साम्राज्य के विघटन के बाद देश की पश्चिमोत्तर सीमा की रक्षा का भार चाहमानों पर ही आ पङा तथा…
Read More » - 4 दिसम्बरइतिहास
चौहान शासक अर्णोराज का इतिहास
अजयराज का उत्तराधिकारी उसका पुत्र अर्णोराज हुआ, जिसने 1130 ईस्वी से लेकर 1150 ईस्वी तक शासन किया। लेखों में उसे…
Read More » - नवम्बर- 2019 -29 नवम्बरइतिहास
शाकंभरी का चौहान शासक सिंहराज कौन था
देवपाल के राज्यकाल के बाद ही चाहमान नरेश सिंहराज ने प्रतिहारों की अधीनता से मुक्त होने का जोरदार प्रयास किया…
Read More » - 23 नवम्बरइतिहास
राठौङ शासक चंद्रदेव का इतिहास में योगदान
गहङवाल वंश की स्वतंत्रता का जनक चंद्रदेव था। कन्नौज से उसके चार अभिलेख मिलते हैं, जो दानपत्र के रुप में…
Read More » - 20 नवम्बरइतिहास
गुर्जर-प्रतिहार शासक महेन्द्रपाल प्रथम
महेन्द्रपाल प्रथम की सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि मगध तथा उत्तरी बंगाल की विजय थी। महेन्द्रपाल प्रथम विद्वानों का उदार संरक्षक था।
Read More » - 10 नवम्बरइतिहास
सेन शासकों का इतिहास
पालों के बाद सेन परिवार ने बंगाल पर शासन किया। उसका संस्थापक सामंतसेन था, जिसे ब्रह्मक्षत्रिय कहा जाता था। ब्रह्मक्षत्रिय…
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