मध्यकालीन भारतइतिहासभक्ति आंदोलन

रामानुज कौन थे

अन्य संबंधित महत्त्वपूर्ण लेख-

  1. भक्ति आंदोलन क्या था, इसके कारण तथा प्रमुख संत
  2. भक्ति आंदोलन में कबीर का योगदान
  3. दादू दयाल कौन थे
  4. गुरुनानक कौन थे
  5. संत रविदास ( रैदास ) से संबंधित महत्त्वपूर्ण तथ्य

रामानुज 12 वी. शता. के महान संत थे। भक्ति आंदोलन के प्रारंभिक प्रतिपादक महान वैष्णव गुरु रामानुज थे। उनका जन्म तमिलनाडु राज्य में पेरंबदूर में हुआ था। वे सगुण ईश्वर में विश्वास करते थे।

Prev 1 of 1 Next
Prev 1 of 1 Next

रामानुज ने मनुष्य की समानता पर बल दिया और जाति व्यवस्था की भर्त्सना की। रामानुज के क्रिया कलाप का मुख्य केन्द्र काँची और श्रीरंगपट्टम था। किन्तु इनके उपदेशों के प्रति चोल प्रशासन के विरोध के कारण यह स्थान छोङना पङा।

रामानुज ने विशिष्टाद्वैत दर्शन का प्रतिपादन किया। भक्ति आंदोलन के दूसरे नायक रामानुज के समकालीन निम्बार्क थे। वे द्वैताद्वैत दर्शन में विश्वास करते थे तथा ईश्वर के प्रति समर्पण पर बल देते थे।

विशिष्टाद्वैत दर्शन-

रामानुजाचार्य के दर्शन में  परमसता के सम्बन्ध में तीन स्तर माने गये हैं – ब्रह्म , चित् और अचित् ।

वस्तुतः ये ब्रह्म, चित्, अचित्  ईश्वर से पृथक नहीं हैं बल्कि ये विशिष्ट रूप से ब्रह्म के ही दो स्वरूप हैं एवं ब्रह्म या ईश्वर पर ही आधारित हैं। यही रामनुजाचार्य का विशिष्टाद्वैत का सिद्धान्त है।

जैसे शरीर एवं आत्मा पृथक नहीं हैं तथा आत्म के उद्देश्य की पूर्ति के लिये शरीर कार्य करता है उसी प्रकार ब्रह्म या ईश्वर से पृथक चित् एवं अचित् तत्त्व का कोई अस्तित्व नहीं हैं। वे ब्रह्म या ईश्वर का शरीर हैं तथा ब्रह्म या ईश्वर उनकी आत्मा सदृश्य हैं।

Reference : https://www.indiaolddays.com/

Related Articles

error: Content is protected !!