पल्लव
- मई- 2020 -16 मईइतिहास
चोल शासक परान्तक प्रथम का इतिहास
परांतक नामक शासक चोल शासक आदित्य प्रथम का पुत्र था। आदित्य प्रथम की मृत्यु के बाद परांतक शासक बना था।…
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पल्लवों की कला तथा स्थापत्य कला का इतिहास
पल्लव नरेशों का शासन काल कला एवं स्थापत्य कला की उन्नति के लिये प्रसिद्ध है। वस्तुतः उनकी वास्तु एवं तक्षण…
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पल्लव काल में राजसिंह कला शैली (674-800ई.)
राजसिंह कला शैली का प्रारंभ पल्लव नरेश नरसिंहवर्मन द्वितीय राजसिंह ने किया। इसके अंदर गुहा-मंदिरों के स्थान पर पाषाम, ईंट…
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पल्लव काल में रथ मंदिर, महाबलीपुरम् कला शैली
मामल्लशैली की दूसरी रचना रथ अथवा एकाश्मक मंदिर है। पल्लव वास्तुकारों ने विशाल प्रकृत चट्टानों को काटकर जिन एकाश्मक पूजागृहों…
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पल्लव काल में मामल्ल-कला शैली (640-674ई.)
मामल्ल कला शैली का विकास पल्लव शासक नरसिंहवर्मन प्रथम महामल्ल के काल में हुआ। इसके अंतर्गत दो प्रकार के स्मारक…
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पल्लवकालीन महेन्द्र कला शैली (610-640ईस्वी)
पल्लव वास्तु का प्रारंभ वस्तुतः महेन्द्रवर्मन प्रथम के समय से हुआ, जिसकी उपाधि विचित्र चित्र की थी। मंडगपट्ट लेख में…
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पल्लवकालीन साहित्य का इतिहास
पल्लव राजाओं का शासन संस्कृत तथा तमिल दोनों ही भाषाओं के साहित्य की उन्नति का काल रहा। कुछ पल्लव नरेश…
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पल्लव शासकों का धार्मिक जीवन
पल्लव राजाओं का शासन काल दक्षिण भारत के इतिहास में ब्राह्मण धर्म की उन्नति का काल रहा। इस काल के…
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पल्लव काल में शासन व्यवस्था कैसी थी
शासन का सर्वोच्च अधिकारी राजा होता था। उसकी उत्पत्ति दैवी मानी जाती थी। पल्लव नरेश अपनी उत्पत्ति ब्रह्मा से मानते…
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नंदिवर्मन तृतीय पल्लवों के समय का शासक था
कांची के पल्लव शासक दंतिवर्मन की मृत्यु के बाद उसका पुत्र नंदिवर्मन तृतीय(Nandivarman III) (846-69ई.) शासक बना। वह एक पराक्रमी…
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