प्राचीन भारत
- जून- 2020 -8 जून
पुराण का अर्थ क्या है
पुराण का शाब्दिक अर्थ प्राचीन आख्यान होता है। प्रारंभ में इस शब्द का प्रयोग इसी अर्थ में मलिता है। अथर्ववेद…
Read More » - 8 जून
वेदांग के बारे में जानकारी
वैदिक साहित्य अत्यन्त विशाल तथा कठिन था और इसे समझ सकना सामान्य बुद्धि के परे था। अतः आगे चलकर वेद…
Read More » - 7 जून
उपनिषद किसे कहते हैं
वैदिक साहित्य के अंतिम भाग उपनिषद हैं, जिन्हें वेदांत भी कहा जाता है। उपनिषद् मुख्यतः ज्ञानमार्गी रचनायें हैं, जिनमें हम…
Read More » - 7 जून
आरण्यक ग्रंथ किसे कहते हैं
ब्राह्मण ग्रंथों के बाद आरण्यकों की रचना की गयी, जो ब्राह्मणों के अंतिम भाग हैं। इनकी रचना अरण्यों अर्थात् वनों…
Read More » - 6 जून
वेदों के ब्राह्मण ग्रंथों की जानकारी
संहिता के बाद वैदिक साहित्य में ब्राह्मण ग्रंथों का स्थान आता है। इनकी रचना यज्ञ के विधान तथा उसकी क्रिया…
Read More » - 5 जून
विक्रमशिला विश्वविद्यालय का इतिहास
बिहार प्रांत के भागपलुर जिले में स्थित विक्रमशिला नालंदा के ही समान एक अन्तरराष्ट्रीय ख्याति का शिक्षा केन्द्र रहा है।…
Read More » - 5 जून
बलभी विश्वविद्यालय का इतिहास
गुजरात के काठियावाङ क्षेत्र में आधुनिक वल नामक स्थान पर स्थित वलभी पश्चिम भारत में शिक्षा तथा संस्कृति का प्रसिद्ध…
Read More » - 4 जून
नालंदा विश्वविद्यालय प्राचीनतम विश्वविद्यालय
प्राचीन भारत के शिक्षा केन्द्रों में नालंदा विश्वविद्यालय का नाम सर्वाधिक उल्लेखनीय है। बिहार प्रांत की राजधानी पटना के दक्षिण…
Read More » - 4 जून
प्राचीन काल में शिक्षा पद्धति के दोष
प्राचीन शिक्षा पद्धति की यदि हम आलोचनात्मक समीक्षा करें, तो उसमें गुणों के साथ-साथ कुछ दोष भी दिखाई देते हैं।
Read More » - 3 जून
प्राचीन काल में परीक्षा तथा उपाधियाँ
प्राचीन शिक्षा पद्धति में आधुनिक युग की भाँति परीक्षा लेने तथा उपाधि प्रदान करने की प्रथा का अभाव था। विद्यार्थी…
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