गहङवाल राजवंश
- नवम्बर- 2019 -27 नवम्बर
चंदावर का युद्ध किस-किसके बीच में लङा गया था
उस आक्रमण (चंदावर) में गोरी ने पृथ्वीराज के प्रबल प्रतिद्वंदी जयचंद राठौङ को चंदावर में पराजित किया। इस युद्ध में…
Read More » - 26 नवम्बर
गहङवाल (राठौङ) राजवंश का राजनैतिक इतिहास
हर्ष वर्धन की मृत्यु के बाद प्रतिहारों ने संपूर्ण उत्तर भारत में एकछत्र साम्राज्य स्थापित किया। किन्तु विजयपाल (960 ई.)…
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राठौङ शासक जयचंद का इतिहास
जयचंद का समकालीन दिल्ली तथा अजमेर का चौहान राजा पृथ्वीराज तृतीय था। चंदबरदाई के पृथ्वीराजरासो से दोनों की पारस्परिक शत्रुता…
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राठौङ शासक विजयचंद्र
उत्तर में विजयचंद्र के फंसे रहने के कारण पूर्व से सेनों को उसके राज्य पर आक्रमण करने का अच्छा मौका…
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राठौङ शासक गोविन्दचंद्र की उपलब्धियां
उसने कन्नौज के प्राचीन गौरव को पुनः स्थापित करने का प्रयास किया। इस उद्देश्य से उसने कई स्थानों की विजय…
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राठौङ शासक मदनपाल का इतिहास में योगदान
उसकी रानी के एक दानपत्र में उसे परमभट्टारक महाराजाधिराज परमेश्वर की उपाधि प्रदान की गयी है। कई विद्वानों का मानना…
Read More » - 23 नवम्बर
राठौङ शासक चंद्रदेव का इतिहास में योगदान
गहङवाल वंश की स्वतंत्रता का जनक चंद्रदेव था। कन्नौज से उसके चार अभिलेख मिलते हैं, जो दानपत्र के रुप में…
Read More » - 22 नवम्बर
गहङवाल (राठौङ) राजवंश की जानकारी प्रदान करने वाले इतिहास के स्रोत
गुर्जर-प्रतिहार राजवंश के पतन के बाद उत्तर भारत की राजनीतिक दशा - हर्ष वर्धन की मृत्यु के बाद प्रतिहारों ने…
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