प्राचीन इतिहास तथा संस्कृति के प्रमुख स्थल लुम्बिनी
गोरखपुर जिले के नौतनवाँ स्टेशन से दस मील की दूरी पर नेपाल की सीमा में ‘रूमिनीदेई’ नामक ग्राम है। यह बुद्धकाल का लुम्बिनी है जहाँ महात्मा बुद्ध का जन्म हुआ था। बुद्ध का जन्म-स्थल होने के कारण यह स्थान बौद्धों की श्रद्धा का प्रमुख केन्द्र बन गया। मौर्य सम्राट अशोक ने अपने अभिषेक के 20वें वर्ष लुम्बिनी ग्राम की यात्रा की। उसने वहाँ पत्थर की एक सुदृढ़ दीवार बनवाई तथा शिलास्तम्भ खड़ा किया। इस पर अशोक का एक उत्कीर्ण है।
लेख पर ‘हिन्द बुधे जाते शाक्यमुनीति…’यहाँ शाक्य मुनि बुद्ध उत्पन्न हुए अंकित है। यह भी पता चलता है कि चूँकि यहाँ बुद्ध का जन्म हुआ था, अतः अशोक ने यहाँ के निवासियों का कर घटाकर आठवाँ भाग कर दिया। चीनी यात्री हुएनसांग ने इस स्थान की यात्रा कर अशोक स्तम्भ, सालवृक्ष तथा स्तूप के दर्शन किये थे। स्तम्भ के शीर्ष भाग पर पहले अश्व की मूर्ति थी जो अब नष्ट हो गयी है। अश्वघोष ने ‘बुद्धचरित’ में ‘लुम्बिनी’ का उल्लेख बुद्ध के जन्म-स्थल के रूप में किया है।
References : 1. पुस्तक- प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति, लेखक- के.सी.श्रीवास्तव
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