चेर
- सितम्बर- 2021 -5 सितम्बरइतिहास
चालुक्य-चोलवंश शासक कुलोत्तुंग प्रथम (1070-1120ई.)
कुलोत्तुंग प्रथम – पूर्वी चालुक्य वंशीय राजेन्द्र द्वितीय या कुलोत्तुंग प्रथम राजराज प्रथम का प्रदौहित्र था। उसकी माता चोल नरेश…
Read More » - फरवरी- 2021 -12 फ़रवरीइतिहास
प्राचीन काल में भारत-रोम संबंधों के बारे पूरी जानकारी
भारत तथा पाश्चात्य विश्व के बीच संपर्क के प्राचीनतम संदर्भ मिलते हैं, तथापि इस बात के स्पष्ट प्रमाण हैं, कि…
Read More » - अगस्त- 2020 -4 अगस्तइतिहास
संगम काल : महत्त्वपूर्ण तथ्य
संगम वस्तुतः एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ सभा होता है। तमिल परंपरा के अनुसार पौराणिक समय से तीन संगम…
Read More » - जुलाई- 2020 -23 जुलाईइतिहास
प्राचीन काल में भारत-रोम संबंध कैसे थे
भारत तथा पाश्चात्य विश्व के बीच संपर्क के प्राचीनतम संदर्भ मिलते हैं, तथापि इस बात के स्पष्ट प्रमाण हैं, कि…
Read More » - मई- 2020 -31 मईइतिहास
दक्षिण भारत में व्यापार तथा वाणिज्य
कृषि तथा शिल्प उद्योगों के साथ-साथ दक्षिण भारत में व्यापार-वाणिज्य की भी प्रगति हुई। इस काल की व्यापारिक गतिविधियों के…
Read More » - 28 मईइतिहास
पाण्ड्य राज्य के बारे में जानकारी
तमिल प्रदेश का तीसरा राज्य पाण्ड्यों का था, जिसमें प्रारंभ में तिनेवेली, रानाड तथा मदुरा का क्षेत्र सम्मिलित था। पाण्ड्यों…
Read More » - 28 मईइतिहास
चेर राजवंश के बारे में जानकारी
चेर राज्य आधुनिक केरल प्रांत में स्थित था,जिसके अंतर्गत त्रावणकोर, कोचीन तथा मालाबार का कुछ भाग सम्मिलित था।
Read More » - 23 मईइतिहास
चोल राजवंश का इतिहास
चोल राजवंश का प्रारंभिक इतिहास अंधकारपूर्ण है।संगम युग (100-250ई.) में चोल वंशी नरेश दक्षिण में शक्तिशाली थे। इस काल के…
Read More » - 22 मईइतिहास
चोल शासक कुलोत्तुंग तृतीय
कुलोत्तुंग तृतीय चोल शासक राजाधिराज द्वितीय का उत्तराधिकारी था।
Read More » - 17 मईइतिहास
चोल शासक राजेन्द्र प्रथम
राजेन्द्र प्रथम राजराज प्रथम का पुत्र तथा उत्तराधिकारी था और उसकी मृत्यु के बाद 1014-15 ई. में चोल राज्य की…
Read More »
- 1
- 2