प्राचीन भारत
- मई- 2020 -5 मई
पल्लव वंश के शासक महेन्द्रवर्मन द्वितीय का इतिहास
कांची के पल्लव शासक नरसिंहवर्मन प्रथम की मृत्यु के बाद उसका पुत्र महेन्द्रवर्मन द्वितीय शासक बना।
Read More » - 4 मई
कांची के पल्लव शासक महेन्द्रवर्मन प्रथम का इतिहास
कांची के पल्लव शासक सिंहविष्णु का पुत्र तथा उत्तराधिकारी महेन्द्रवर्मन प्रथम (600-630ई.) हुआ। वह पल्लव वंश के महानतम शासकों में…
Read More » - 4 मई
कांची के पल्लव शासक सिंहविष्णु का इतिहास
महान पल्लव शासकों की सूची में सर्वप्रथम सिंहवर्मन के पुत्र तथा उत्तराधिकारी सिंहवषिष्णु (575-600ई.) का नाम आता है।
Read More » - 3 मई
पल्लव राजवंश के प्रारंभिक शासक
पल्लव वंश के प्रारंभिक शासकों का पता हमें प्राकृत ताम्रलेखों के आधार पर होता है। प्राकृत लेक 250 ई. से…
Read More » - 2 मई
संगम काल की संस्कृति
संगमकाल दक्षिण भारत के प्राचीन इतिहास का एक कालखण्ड है। यह कालखण्ड ईसापूर्व तीसरी शताब्दी से लेकर चौथी शताब्दी तक…
Read More » - 1 मई
पाण्ड्य राजवंश का इतिहास
तमिल प्रदेश का तीसरा राज्य पाण्ड्यों का राज्य था, जिसमें प्रारंभ में तिनेवेली, रामनाड तथा मदुरा का क्षेत्र सम्मिलित था।
Read More » - 1 मई
चेर राजवंश का इतिहास
संगम युग का दूसरा प्रमुख राज्य चेरों का राज्य था, जो आधुनिक केरल प्रांत में स्थित था। इसके अंतर्गत कोयम्बटूर…
Read More » - अप्रैल- 2020 -30 अप्रैल
संगम काल का चोल राज्य
संगम युगीन राज्यों में सर्वाधिक शक्तिशाली चोलों का राज्य था। यह पेन्नार तथा दक्षिणी वेल्लारु नदियों के बीच स्थित था।…
Read More » - 30 अप्रैल
जीवकचिन्तामणि की रचना किसने की
जीवकचिन्तामणि नामक ग्रंथ संगमकाल के बहुत बाद की रचना है। इसकी रचना का श्रेय जैन भिक्षु तिरुत्तक्कदेवर को दिया जाता…
Read More » - 29 अप्रैल
शिल्पादिकारम किस भाषा में लिखा गया ग्रंथ है
शिल्पादिकारम एक अद्वितीय रचना है। दुर्भाग्यवश इसके लेखक तथा समय के बारे में निश्चित जानकारी उपलब्ध नहीं है।एक मान्यता के…
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