प्राचीन भारत
- नवम्बर- 2019 -13 नवम्बर
सप्तांग सिद्धांत क्या था
कौटिल्य द्वारा प्रतिपादित राज्य का उपर्युक्त सप्तांग सिद्धांतवाद के लेखकों के लिये आदर्श स्वरूप बना रहा। कुछ ग्रंथों में इन…
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प्राचीन कालीन राज्य के प्रकार
प्राचीन साहित्य एवं विदेशी लेखकों के विवरण से पता चलता है, कि राजतंत्रात्मक राज्यों के साथ ही साथ प्राचीन इतिहास…
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प्राचीन भारतीय राजत्व की विशेषताएँ
अति प्राचीन काल से ही भारतीयों ने राजा एवं राजपद की महत्ता को समझा एवं सामाजिक व्यवस्था के लिये उसे…
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प्राचीन भारत में राज्य संस्था की उत्पत्ति के सिद्धांत
राजदंड के डर से ही मनुष्य न्याय के मार्ग पर चलते हैं तथा न्याय ही उनका रक्षक हैं। महाभारत में…
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पाल युगीन कला एवं स्थापत्य का इतिहास
तारानाथ के अनुसार इस वंश के संस्थापक राजा गोपाल ने नालंदा में बौद्ध विहार बनवाया था। उसने सोमपुरी तथा ओदंतपुरी…
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सेन शासकों का इतिहास
पालों के बाद सेन परिवार ने बंगाल पर शासन किया। उसका संस्थापक सामंतसेन था, जिसे ब्रह्मक्षत्रिय कहा जाता था। ब्रह्मक्षत्रिय…
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उत्तर भारत के प्रमुख राजवंश – प्रतिहार,पाल, राष्ट्रकूट
750-1000 ईस्वी के मध्य उत्तर भारत और डेक्कन में कई शक्तिशाली साम्राज्यों का उदय हुआ था। जिनमें पाल, प्रतिहार और…
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राष्ट्रकूट शासकों का इतिहास में योगदान
दांतिदुर्ग ने अपना जीवन चालुक्यों के सामंत के रूप में प्रारंभ किया था। उसने एक दीर्घकालीन राज्य की नींव रखी।…
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पाल वंश के शासकों का इतिहास
ऐसी अराजकतापूर्ण स्थिति में बंगाल के मुख्य लोगों ने गोपाल को समूचे राज्य का शासक चुना। गोपाल ने एक वंश…
Read More » - 6 नवम्बर
मौर्य राजवंश का इतिहास
चन्द्रगुप्त मौर्य ने 322 ईसा पूर्व में इस साम्राज्य की स्थापना की और तेजी से पश्चिम की तरफ अपना साम्राज्य…
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