प्राचीन भारतइतिहास

सुदर्शन झील का इतिहास

सुदर्शन झील का अर्थ है “सुंदर पानी की झील।”

सौराष्ट्र में गिरनार नामक पहाड़ी के मध्य सुदर्शन झील स्थित है। इस झील का निर्माण मौर्य वंश के संस्थापक चन्द्रगुप्त मौर्य के आदेश से उसके गिरनार में नियुक्त राज्यपाल(गवर्नर) ‘पुष्यगुप्त वैश्य‘ ने करवाया था।

सुदर्शन झील का पुनः निर्माण करवाने वाले शासक निम्नलिखित हैं-

  • सम्राट अशोक के आदेश से उसके महामात्य तुषास्प ने इस झील का पुर्ननिर्माण करवा कर उसे मजबूती प्रदान की थी।
  • मौर्योत्तर काल में शक शासक रुद्रदामन के आदेश से सौराष्ट्र के गवर्नर सुविशाख ने इस झील का पुनर्निर्माण करवाया।
  • गुप्त काल में स्कन्दगुप्त के आदेश से चक्रपालित ने इस झील का पुनर्निर्माण करवाया। स्कंदगुप्त ने ही बड़ी उदारता के साथ धन खर्च किया और इस झील पर एक बाँध का निर्माण करवाया।

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रूद्रदामन के जूनागढ़ अभिलेख जो शक संवत 72 (150-151 ई.) का है, से सुदर्शन झील के इतिहास की जानकारी मिलती है, जो निम्नलिखित है-

  • सुदर्शन झील का निर्माण चंद्रगुप्त मौर्य के प्रान्तीय शासक पुष्यगुप्त ने कराया था। अशोक के राज्यपाल तुषास्क ने बादमें उसमें से नहर निकाली ।
  • रूद्रामन के समय में अतिवृष्टि से झील का बांध टूट गया था। जिसकी मरम्मत कराई। यह कार्य रूद्रामन के प्रान्तीय शासक सुविशाख ने किया। प्रजा पर कोई अतिरिक्त कर नहीं लगाया।
  • स्कन्दगुप्त के समय में अत्यधिक वर्षा से झील का बांध टूट गया।जिसका फिर से निर्माण करवाया गया। सौराष्ट्र के प्रान्तीय शासक पर्णदत्त के पुत्र चक्रपालित ने झील की मरम्मत करायी।

Reference : https://www.indiaolddays.com

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