इतिहासप्रमुख स्थलप्राचीन भारत

प्राचीन इतिहास तथा संस्कृति के प्रमुख स्थल अवन्ति

बुद्ध काल में यह पश्चिमी भारत का यह एक प्रमुख राज्य था जिसकी राजधानी उज्जयिनी में स्थित थी। इस स्थान की पहचान वर्तमान मध्यप्रदेश के उज्जैन नामक नगर से की जाती है। प्राचीन समय में अवन्ति के अन्तर्गत सम्पूर्ण मालवा का क्षेत्र शामिल था। महात्मा बुद्ध के समय यहाँ प्रद्यौत का शासन था। इस राज्य का मगध के साथ लंबा संघर्ष चला तथा शिशुनाग ने इसे जीतकर मगध में मिला लिया था। मौर्य काल में अवन्ति साम्राज्य का पश्चिमी प्रान्त था। गुप्तकाल के पूर्व यहाँ शकों का राज्य स्थापित हुआ। चन्द्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य ने शकों से छीनकर इसे पुन: अपने अधिकार में कर लिया था। राजपूत युग में यहाँ परमार राजाओं का शासन था।

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महात्मा बुद्ध

मालवा के बारे में जानकारी

चंद्रगुप्त द्वितीय

गुप्त वंश का राजनैतिक इतिहास

अवन्ति सांस्कृतिक एवं व्यापारिक महत्व का स्थान था। बुद्ध काल में यह बौद्ध धर्म का प्रमुख केन्द्र था ।जहाँ कई प्रसिद्ध बौद्ध भिक्षु निवास करते थे। गुप्तकाल में यह शैवधर्म का भी केन्द्र बना, जहाँ स्थित महाकाल का मन्दिर पूरे देश में प्रसिद्ध था। हर्षकालीन चीन यात्री हुएनसांग तथा लेखक बाणभट्ट ने उज्जयिनी नगर की प्रसिद्धि का वर्णन किया है। वहाँ अनेक भव्य भवन, मन्दिर, विहार आदि विद्यामान थे। बाण ने उज्जयिनी नगर को तीनों लोकों में श्रेष्ठ नगर बताया है।

ह्वेनसांग की भारत यात्रा का वर्णन

बाणभट्ट के बारे में जानकारी

अवन्ति या उज्जयिनी का नगर शिप्रा नदी के तट पर स्थित होने के कारण व्यापार – वाणिज्य के लिए भी महत्वपूर्ण था।

अवंति से होकर गुजरने वाले दो प्रसिद्ध व्यापारिक मार्ग निम्नलिखित थे –

  1. कौशाम्बी से भड़ौंच
  2. प्रतिष्ठान से पाटलिपुत्र

दोनों ही मार्गों का मिलन- स्थल अवन्ति में ही था। इस दृष्टि से इस स्थान का व्यापारिक महत्व बहुत अधिक बढ़ गया था।

References :
1. पुस्तक- प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति, लेखक- के.सी.श्रीवास्तव
2. पुस्तक- प्राचीन भारत का इतिहास, लेखक-  वी.डी.महाजन 

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