इतिहासकल्याणी का चालुक्य वंशदक्षिण भारतप्राचीन भारतबादामी का चालुक्य वंशवेंगी के चालुक्य

चालुक्यकालीन संस्कृति का इतिहास

बादामी के चालुक्यों ने दो शताब्दियों तक दक्षिणापथ पर शासन किया। वे धर्मनिष्ठ हिन्दू थे और उन्होंने धर्मशास्त्रों के अनुसार शासन किया। प्राचीन शास्त्रों में विहित राजतंत्र प्रणाली इस युग में भी सर्वप्रचलित शासन पद्धति थी। समूचे प्रशासनतंत्र का केन्द्र बिन्दु सम्राट होता था। इस वंश के सम्राट परमेश्वर, महाराजाधिराज, परमभट्टारक, सत्याश्रय, श्रीबल्लभ जैसी विशाल उपाधियाँ ग्रहण करते थे। उन्होंने अश्वमेघ, वाजपेय आदि अनेक वैदिक यज्ञों का अनुष्ठान किया।

चालुक्यों की प्रशासनिक व्यवस्था

चालुक्यों का राजपद आनुवंशिक होता था। सम्राट प्रशासन की विविध समस्याओं में व्यक्तिगत रुचि लेता था तथा अपने साम्राज्य का दौरा करता था। वहाँ उसके स्तंधावार लगाये जाते थे। इस प्रकार वह नाममात्र का शासक नहीं होता था, अपितु उसकी सत्ता वास्तविक होती थी। याज्ञवल्क्य महोत्साह को राजा का प्रथम गुण बताते हैं। चालुक्य शासकों में यह गुण विद्यमान था…अधिक जानकारी

चालुक्यों का साहित्य

चालुक्य शासकों के काल में साहित्य, धर्म, कला के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण प्रगति हुई। ह्वेनसांग चालुक्य राज्य के लोगों को विद्या का व्यसनी बताता है। चालुक्य लेखों में संस्कृत भाषा का प्रयोग मिलता है और यह चालुक्यकाल के अत्यधिक विकसित रूप को प्रकट करता है…अधिक जानकारी

चालुक्यों का धर्म

चालुक्य ब्राह्मण धर्मानुयायी थे तथा उनके कुल – देवता विष्णु थे। इसके अलावा वे लोग शिव की भी पूजा करते थे। वाराह उनका पारिवारिक चिह्न था। चालुक्य राजाओं के अधिकांश लेख विष्णु के वाराह अवतार की आराधना से प्रारंभ होते हैं। बादामी के कुछ रिलीफ चित्रों में शेष-शय्या पर लक्ष्मी के साथ शयन करते हुये नरसिंह आदि रूपों में विष्णु का अंकन मिलता है। कुछ चालुक्य शासकों ने परमभागवत की उपाधि ग्रहण की थी। विष्णु तथा शिव के साथ-साथ अन्य पौराणिक देवी-देवताओं की पूजा का भी व्यापक प्रचलन था। वैदिक यज्ञों का भी अनुष्ठान होता था तथा ब्राह्मणों को दान दिये जाते थे …अधिक जानकारी

चालुक्यों के काल में कला और स्थापत्य कला

चालुक्य शासन में कला और स्थापत्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई। इस समय जैनों तथा बौद्धों के अनुकरण पर हिन्दू देवताओं के लिये पर्वत-गुफाओं को काटकर मंदिर बनवाये गये। चालुक्य मंदिरों के उत्कृष्ट नमूने बादामी, ऐहोल तथा पत्तडकल से प्राप्त होते हैं। …अधिक जानकारी

बादामी, कल्याणी, वेंगी के चालुक्यों का राजनैतिक इतिहास।

Edit

References:
1. पुस्तक- प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति, लेखक-के.सी.श्रीवास्तव

Related Articles

error: Content is protected !!