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प्राचीन इतिहास तथा संस्कृति के प्रमुख स्थल जूनागढ़

जूनागढ़ ( Junagadh )का उल्लेख गुजरात प्रान्त में स्थित जनपद के रूप में मिलता है, जिसका उल्लेख गिरिनार अथवा गिरनगर के रूप मे भी मिलता है।

जूनागढ़ भारत के गुजरात राज्य के जूनागढ़ जिले में स्थित एक नगर है। यह जिले का मुख्यालय भी है।

जूनागढ़ अभिलेख संस्कृत भाषा में लिखा गया था।

रुद्रदामन का जूनागढ अभिलेख

इतिहास

जूनागढ़ के प्राचीन शहर का नामकरण एक पुराने दुर्ग के नाम पर हुआ है। यह गिरनार पर्वत के समीप स्थित है। यहाँ पूर्व-हड़प्पा काल के स्थलों की खुदाई हुई है। इस शहर का निर्माण नौवीं शताब्दी में हुआ था। यह चूड़ासमा आभीरों की राजधानी थी। यह एक रियासत थी।

गिरनार के रास्ते में एक गहरे रंग की बेसाल्ट चट्टान है, जिस पर तीन राजवंशों का प्रतिनिधित्व करने वाला शिलालेख अंकित है। मौर्य शासक अशोक (लगभग 260-238 ई.पू.) रुद्रदामन (150 ई.) और स्कंदगुप्त (लगभग 455-467)। यहाँ 100-700 ई. के दौरान बौद्धों द्वारा बनाई गई गुफाओं के साथ एक स्तूप भी है। शहर के निकट स्थित कई मंदिर और मस्जिदें इसके लंबे और जटिल इतिहास को उद्घाटित करते हैं।

यहाँ तीसरी शताब्दी ई.पू. की बौद्ध गुफाएँ, पत्थर पर उत्कीर्णित सम्राट अशोक का आदेशपत्र और गिरनार पहाड़ की चोटियों पर कहीं-कहीं जैन मंदिर स्थित हैं। 15वीं शताब्दी तक राजपूतों का गढ़ रहे जूनागढ़ पर 1472 में गुजरात के महमूद बेगङा ने अधिकार कर लिया, जिन्होंने इसे मुस्तफाबाद नाम दिया और यहाँ एक मस्जिद बनवाई, जो अब खंडहर हो चुकी है।

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